red path
Tuesday, September 28, 2010
Thursday, August 5, 2010
jangal raj
इक लड़की ने प्रेsaवार्ता में सभी को झकझोर दिया.
उसका कहना था की उसके दो पतिओं ने एक साथ उससे दुराचार किया. पहले एक पति उससे खेलता रहा और कुछ महीने बाद उसको तलाक दे दिया. इस बीच लड़की के ऍम ऍम एस बनाए गए और ब्लाक्मैल किया गया. फिर आरोपी ने उससे जबरन अपने दोस्त की बीवी बना दिया. शर्म की हदे तो उस वक्त पर हुई जब दोनों दोस्त एक साथ उससे दुराचार करे लगे. लड़की सहती रही लेकिन अंतत उसका सब्र का बांध टूट गया. लड़की पुलिस के पास पहुची और रिपोर्ट दर्ज कराई. ये दोनों शहर के रईसजादे हे उसने जब एक महीना पहले पुलिस में ऍफ़ आई आर दर्ज करा दी तब भी पुलिस ने अरेस्ट नहीं किया. बल्कि आरोपिओ की और से दुसरे थाने में लड़की के खिलाफ 420 आई पी सी के तहत मुकदमा दर्ज कर लड़की को अरेस्ट भी कर लिया. लेकिन वे दोनों आरोपी आज भी आजाद हे और कोई उनका कुछा भी नहीं बिगड़ पाया उलटे लड़की की बदनामी जरूर हो गई.
ये कहानी नही बल्कि राजस्थान के कोटा शहर की सही घटना हे. यहाँ इसे इसलिए जाहिर कर रहा हूँ ताकि आप अपने विचारों से अवगत करा सके की क्या लड़की को रिपोर्ट दर्ज करनी चाहिए थी या नहीं.....
क्या पुलिस का यह बर्ताव जंगल राज की तरफ नहीं ले जा रहा....
क्या इससे अलगाव नहीं पैदा होता ...
केवल कह देने से मेरा भारत महान नहीं होता..
राजनेता अफीम की सी मदहोशी में हे, पुलिस बेलगाम हे गुंडों के हाथ में कमान हे
आम आदमी का यहाँ जीना हराम हे
जय हो जय हो जय हो
रजत खन्ना
उसका कहना था की उसके दो पतिओं ने एक साथ उससे दुराचार किया. पहले एक पति उससे खेलता रहा और कुछ महीने बाद उसको तलाक दे दिया. इस बीच लड़की के ऍम ऍम एस बनाए गए और ब्लाक्मैल किया गया. फिर आरोपी ने उससे जबरन अपने दोस्त की बीवी बना दिया. शर्म की हदे तो उस वक्त पर हुई जब दोनों दोस्त एक साथ उससे दुराचार करे लगे. लड़की सहती रही लेकिन अंतत उसका सब्र का बांध टूट गया. लड़की पुलिस के पास पहुची और रिपोर्ट दर्ज कराई. ये दोनों शहर के रईसजादे हे उसने जब एक महीना पहले पुलिस में ऍफ़ आई आर दर्ज करा दी तब भी पुलिस ने अरेस्ट नहीं किया. बल्कि आरोपिओ की और से दुसरे थाने में लड़की के खिलाफ 420 आई पी सी के तहत मुकदमा दर्ज कर लड़की को अरेस्ट भी कर लिया. लेकिन वे दोनों आरोपी आज भी आजाद हे और कोई उनका कुछा भी नहीं बिगड़ पाया उलटे लड़की की बदनामी जरूर हो गई.
ये कहानी नही बल्कि राजस्थान के कोटा शहर की सही घटना हे. यहाँ इसे इसलिए जाहिर कर रहा हूँ ताकि आप अपने विचारों से अवगत करा सके की क्या लड़की को रिपोर्ट दर्ज करनी चाहिए थी या नहीं.....
क्या पुलिस का यह बर्ताव जंगल राज की तरफ नहीं ले जा रहा....
क्या इससे अलगाव नहीं पैदा होता ...
केवल कह देने से मेरा भारत महान नहीं होता..
राजनेता अफीम की सी मदहोशी में हे, पुलिस बेलगाम हे गुंडों के हाथ में कमान हे
आम आदमी का यहाँ जीना हराम हे
जय हो जय हो जय हो
रजत खन्ना
Sunday, August 1, 2010
मेरा भारत महान
इस ब्लॉग के माध्यम से हम आप से यह जानने का प्रयास करेगें की क्या अब भी मेरा भारत महान ही या अब बदल गया. बोलो बोलो कुछ तो बोलो. मन मत रखो. अभी नहीं बोलोगे तो फिर कब बोलोगे. जब जागोगे तब तक बहुत देर हो चुकी होगी.
Subscribe to:
Posts (Atom)